जीवाणु एक एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिमी तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार आदि आकार की हो सकती है।
ये प्रोकैरियोटिक, कोशिका भित्तियुक्त, एककोशकीय सरल जीव हैं जो प्रायः सर्वत्र पाये जाते हैं। ये पृथ्वी पर मिट्टी में, अम्लीय गर्म जल-धाराओं में, नाभिकीय पदार्थों में
जल में, भू-पपड़ी में, यहाँ तक की कार्बनिक पदार्थों में तथा पौधौं एवं जन्तुओं के शरीर के भीतर भी पाये जाते हैं।
साधारणतः एक ग्राम मिट्टी में 4 करोड़ जीवाणु कोष तथा 1 मिलीलीटर जल में 10 लाख जीवाणु पाए जाते हैं। संपूर्ण पृथ्वी पर अनुमानतः लगभग 5X10 जीवाणु पाए जाते हैं।
जीवाणु बीमारी
(1) क्लांस्ट्रीडियम टिटनेस
(2) विब्रिओ कालेरी हैजा
(3) सालमोनेला टाइफी टायफाइड
(4) माइकोबैक्टीरियम क्षय रोग
(5) कोरीनी बैक्टीरियम डिप्थीरी - डिप्थीरिया
(6) पाश्चुरेला पेस्टिस प्लेग
(7) हीमोफिलिस परटूसिस काली खांसी
(8) डिप्लोकोकस न्यूमोनी निमोनिया
(9) माइकोबैक्टीरियम लेप्री कोढ़
(10) नाइसेरिया गोनोरियाई गोनोरिया
(11) टैपोनमा पैलीडम सिफलिस
रोग प्रभावित अंग
(1) टिटनेस तंत्रिका तंत्र
(2) हैजा आंत
(3) टायफाइड आंत
(4) क्षय रोग फेफड़ा
(5) डिप्थीरिया श्वास नली
(6) प्लेग फेफड़ा , दोनों पैरो के बीच
(7) काली खांसी श्वसन तंत्र
(8) निमोनिया फेफड़ा
(9) कोढ़ तंत्रिका तंत्र, त्वचा
(10) गोनोरिया मूत्र मार्ग
(11) सिफलिस शिश्न
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