1. गुरमीत राम रहीम -
डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम के सलाखों के पीछे पहुंचने की कहानी काफी लंबी है। इसमें बलात्कार की शिकार उन दो महिलाओं को भी याद रखना होगा, जिनके लंबे संघर्ष की वजह से ही राम रहीम गुनहगार साबित हुए। सन 1999 में एक महिला ने गुमनाम पत्र के जरिए बाबा पर यौन शोषण के आरोप लगाए। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट को लिखा गया था । 2002 में एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की CBI जांच शुरू हुई। इसी मामले में CBI की विशेष अदालत ने राम राहीम को दोषी करार दिया है। जिसके बाद बाबा के समर्थक उग्र हो गए और कई राज्यों में हिंसक झड़पें शुरू हो गई । अबतक हिंसा में लगभग 31 लोगों की मौत हुई है और 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
गुरमीत राम रहीम सिंह का जन्म 15 अगस्त, 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरूसर मोदिया में जाट सिख परिवार में हुआ।
इन पर 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक के संपादक रामचंद्र छत्रपति पर कातिलाना हमले का आरोप। छत्रपति को घर से बुलाकर पांच गोलियां मारी गई थी । साध्वी से यौन शोषण और रणजीत की हत्या पर खबर प्रकाशित करने के कारण उन पर हमला हुआ था । 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में भी सीबीआई जांच चल रही। बाबा के पास तकरीबन 300 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
2.रामपाल-
हरियाणा के बाबा रामपाल के खिलाफ भी हिंसा में शामिल होने समेत कोर्ट की अवमानना का केस चल रहा है। वह भी फिलहाल जेल में बंद हैं। इंजीनियर से संत बने रामपाल को पकडऩे में पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। उनके आश्रम से हथियार और कई आपत्तिजनक दवाइयां जब्त की गई थीं। बाबा रामपाल की हरियाणा के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली में भी काफी प्रॉपर्टी मौजूद होने की बात की जाती है।
3.नित्यानंद-
2010 में नित्यानंद की कथित सैक्स सी.डी. सामने आई। उन्हें अभिनेत्री के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए दिखाया गया है। इसके बाद सैंट्रल फॉरैंसिक लैब में हुई जांच में सी.डी. को सही बताया गया, लेकिन नित्यानंद के आश्रम की ओर से अमरीकी लैब की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें सी.डी. से छेड़छाड़ होने का दावा किया गया। बहरहाल इसके बाद जमकर बवाल हुआ और नित्यानंद को गिरफ्तार कर लिया गया। हालाकि कुछ दिन बाद उन्हें बेल मिल गई थी।
4. भीमानन्द-
दिल्ली से पकड़े गए इच्छाधारी बाबा उर्फ संत भीमानंद महाराज का असली नाम शिवमूरत द्विवेदी है। वह चित्रकूट के चमरौहा गांव का रहने वाले हैं। जेल से छूटने के बाद ये स्वामी खुद को साईं बाबा का अवतार बताने लगे। 12 साल में ही इस स्वामी ने करोड़ों की संपत्ति बना ली। बाबा चित्रकूट में प्रवचन की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया करते थे।
5. श्री सत्य सांई-
आंध्र प्रदेश में पुट्टपर्थी के सत्य साईं बाबा के ऊपर भी यौन शोषण और लोगों को बरगलाने के आरोप लगते रहे हैं। उनके आश्रम में कथित स्कैंडलों की भी खबरें सामने आईं। बाबा के खिलाफ यौन व्यवहार संबंधी सवाल भी खड़े हो चुके हैं, हालांकि, बाबा ने इसे उनके विरोधियों की साजिश कहकर खारिज कर दिया था। उन पर हाथ की सफाई को चमत्कार कहकर लोगों के भ्रमित करने का देश में ही नहीं विदेशियों ने भी आरोप लगाया था। बाबा पर हवाला, सेवा परियोजनाओं के निष्पादन में धोखाधड़ी और हत्या के भी आरोप लगे। सत्य साईं बाबा की 24 अप्रैल 2011 को मृत्यु हो गई थी।
6. कृपालू महराज -
प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ कस्बे में जन्मे रामकृपाल त्रिपाठी उर्फ कृपालु महाराज पर भी महिलाओं से अभद्रता और बलात्कार के आरोप लगे थे। मई 1991 में उन पर लड़कियों को अगवा और रेप करने का आरोप लगा। मई 2007 में त्रिनिदाद और टोबैगो में 22 साल की युवती ने उन पर रेप का आरोप लगाया। इस मामले में कृपालु महाराज की सहयोगी प्रिया शरण महाराज को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कृपालु महाराज की एक शिष्या केरेन जॉनसन ने सेक्स, लाइज एंड टू हिंदू गुरुजः हाउ आई वॉज कॉन्ड बाई अ डैंजरस कल्ट नाम की किताब लिखी थी। इसमें उन्होंने कृपालु महाराज के आश्रमों में चल रही गतिविधियों और खुद कृपालु महाराज के चरित्र को लेकर कई संगीन आरोप लगाए।
7.साक्षी महराज -
स्वामी सच्चिदानंद गिरी उर्फ साक्षी महाराज पर साल 1997 में भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था, हालांकि, बाद में उन्हें क्लीनचिट दे दी गई। 1990 में भाजपा के साथ राजनीतिक पारी शुरू करने वाले साक्षी महाराज फर्रुखाबाद से दो बार सांसद चुने गए। साल 2000 में एटा के कॉलेज प्रिंसिपल ने साक्षी महाराज और उनके दो भतीजों पर गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई। उनके मुताबिक, पीड़ित महिला और उसके पुरुष दोस्त पर साक्षी महाराज और उनके लोगों ने तब हमला किया था, जब वे आगरा से एटा आ रहे थे। महाराज को इस केस में एक महीना तिहाड़ जेल में भी बिताना पड़ा। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। दस साल पहले उनके खिलाफ फर्रुखाबाद में बलात्कार का एक का आरोप लगा था। यह आरोप उनके ही आश्रम की एक शिष्या ने लगाया था।
8.आशाराम -
आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप है. यह मामला 2013 का है. उन पर कई और भी मामले दर्ज हैं. आरोप है कि आसाराम ज़मीन हथियाने, बच्चों की हत्या समेत कई अन्य मामलों में भी लिप्त हैं, पुलिस इन मामलों की जांच में जुटी है.
आसाराम पर आशीर्वाद देने के बहाने लड़कियों से छेड़छाड़ और यौन शोषण का आरोप है. उनके बेटे नारायण साईं पर भी ऐसे ही आरोप लगे थे.
आसाराम यौन शोषण के आरोप में 2013 से ही जोधपुर जेल में बंद हैं. वो कई बार स्वास्थ्य कारणों से ज़मानत के लिए याचिका दाखिल कर चुके हैं लेकिन उन्हें अब तक ज़मानत नहीं मिली है.
9.चंद्रास्वामी-
चंद्रास्वामी की शख़्सियत कैसी थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक ओर तो उन्हें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का सबसे नज़दीकी सलाहकार माना जाता रहा तो दूसरी तरफ़ उन पर राजीव गांधी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप भी लगा.
इन आरोपों के बीच कई देशों के शासनाध्यक्षों से मधुर संबंध, हथियारों की दलाली और हवाला का कारोबार, विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन जैसे कई संगीन आरोपों से भी चंद्रास्वामी सुर्खियों में रहे.
10. राधे माँ -
राधे माँ पर भी यौन उत्पीडन, दहेज़ और धर्म के नाम पर अश्स्लिताफ़ैलाने के आरोप है
इन कथाकथित धार्मिक गुरुओ पर लगे आरोपों में क्या सारी गलती उन्ही की ही है । क्या हमारा समाज नही है इसके लिए जिम्मेदार ।
मेरा व्यक्तिगत विचार है कि धर्म को दूषित बाबा नही बल्कि हमारा समाज ही है।
धर्म और धार्मिक विचार नितांत आवश्यक है जो मनुष्य को मनुष्यता की ओर अग्रसर करते है।
वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि विज्ञान मनुष्य को अपरिमित शक्ति तो दे सकता है, पर वह उसकी बुद्धि को नियंत्रित करने की सामर्थ्य नहीं प्रदान कर सकता है। मनुष्य की बुद्धि को नियंत्रित करने और उसे सही दिशा में प्रयुक्त करने की शक्ति तो धर्म ही दे सकता है।
किन्तु धर्म के नाम पर अन्धविश्वास कहा तक जायज है
अन्धविश्वास का कारण अशिक्षा को हमेशा से बताया जा रहा है किन्तु वर्त्तमान समय में तो पड़े लिखे लोग ही ज्यादा शह दे रहे है।
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