ध्वनि तरंग
यह अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगे होती है।अतः ये तरंगे निर्वात में नही चल सकती है इन्हें गमन करने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
ध्वनि की चाल पर वायुदाब का कोई असर नही होता है।
1℃ ताप बढ़ाने पर वायु में ध्वनि की चाल 0.61 मीटर / सेकेण्ड बढ़ जाती है।
ध्वनि तरंगों के प्रकार
आवृत्ति के आधार पर ध्वनि तरंगों को 3 भागो में बांटा गया है।
1. अपश्रव्य तरंग ( infrasonic waves) - 20 Hz सेे कम आवृत्ति वाली तरंग को अपश्रव्य तरंग कहते हैं , मनुुुष्य इसे सुनने के असमर्थ होता है।
2. श्रव्य तरंग ( audio wave) - 20Hz से 20000Hz के बीच की आवृत्ति वाले तरंग को श्रव्य तरंग कहते है ।इसे मनुष्य सुुनने में समर्थ होता है।
3. पराश्रव्य तरंग ( ultrasonic wave) - 20000Hz के ऊपर की आवृत्ति के तरंगों को पराश्रव्य तरंग कहते है इसे मनुुुष्य नही सुन सकता है ।
कुत्ते, बिल्ली , चमगादड़ आदि जानवर सुन सकते हैं।
उपयोग -
- संकेत भेेेजने मेंं,
- समुन्दर की गहराई मापने में,
- कारखाने की चिमनी से कालिख हटाने में
- दूध को जीवाणु रहित करने में
- गठिया , ट्यूमर के इलाज में
- कीमती कपड़ो, वायुयान , घड़ियों के कलपुर्जे साफ करने में
वीडियो में तरंगों को सुनकर महसूस करें
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