प्राचीन काल से ही हम सभी भारतीय हाथ से खाने को खाते थे। लेकिन पक्षिमी सभ्यता के बढ़ते प्रभाव के कारण लोग हाथ से भोजन करने की बजाये कांटे और चम्मच आदि से खाना खाने लगे। आज लोगो की मानसिकता इतनी ज्यादा बदल गयी हैं की अगर कोई व्यक्ति हाथ से खाना खाता हैं तो देखने वाला उसे बेवकूफ़ और अनपढ़ समझता हैं और सोचता हैं की इसे खाना खाने की तमीज नहीं हैं।
वेस्टर्न कल्चर के प्रभाव में आ कर ज्यादातर लोग चम्मच आदि से खाना खाने लगे हैं।
हाथ से खाने के लाभ
जब आप हाथ से खाना खाते है तो हाथो की विभिन्न मुद्राये बनती है जोकि हमारे लिए अत्यंत लाभ करी है।
हम जब हाथ से खाते है तो ।
(1) बनती है प्रचुर मात्रा में लार -
जब हम हाथ से खाते है तो बार बार उंगलियाँ खुलती है औए बंद होती है । तो लार बनने की क्रिया तेज हो जाती है । अगर हम भोजन करने से पहले ही अपने हाथो को खोले और बंद करे तो हमारा पाचन और भी सुचारू रूप से कार्य करेगा।
(2) तापमान का ख्याल रहता हैं-
हमारे हाथ टेम्परेचर सेंसर की तरह काम करते हैं। जब भी हम खाना खाते हैं तो उसे छूते ही हमे पता चल जाता हैं की खाना कितना ज्यादा गर्म हैं। फिर हम इसे शरीर की जरूरत के अनुसार सही तापमान पर आने के बाद ही खाते हैं। यह शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद भी होता हैं।।
(3) पाचन क्रिया सही बनाये-
स्पर्श हमारे शरीर का सबसे मजबूत और अकसर इस्तेमाल होने वाला अहसास हैं। जब हम हाथों से खाना खाते हैं तो हमारा दिमाग पेट को यह संकेत देता हैं की हम खाना खाने जा रहे हैं। इससे हमारा पेट खाने को पचाने के लिए तैयार हो जाता हैं और पाचन तंत्र में खाने को हजम करने वाले एंजाइम भी बनने लगते हैं। जिससे पाचन क्रिया सुधरती हैं।
(4) हाथो में प्राण ऊर्जा होती हैं-
आयुर्वेद यह मानता हैं की हाथो में प्राणधार उर्जा होती हैं। इसका कारण यह हैं की हमारा शरीर पंचतत्व से बना हुआ हैं। जिसे जीवन उर्जा भी कहा जाता हैं। यह पांचो तत्व हमारे हाथो में उपस्तिथ होते हैं। हमारे हाथो का
(1) अंगूठा अग्नि का प्रतीक हैं।
(2) तर्जनी ऊँगली वायु का प्रतीक,
(3) मध्यमा ऊँगली आकाश का प्रतीक,
(4) अनामिका ऊँगली पृथ्वी का प्रतीक
(5) सबसे छोटी ऊँगली जल का प्रतीक मानी जाती हैं।
इसमें से किसी भी एक तत्व का असंतुलन होने पर बीमार होने की आशंका हो जाती हैं।
जब भी हम हाथ से भोजन ग्रहण करते हैं तो उँगलियों और अंगूठे को मिला कर खाना खाते हैं। जिससे हस्त मुद्रा बनती हैं, इसी हस्त मुद्रा से निरोगी काया पाने में मदद मिलती हैं। जब आप इन तत्वों को एकजुट कर लेते हैं तो भोजन ज्यादा ऊर्जात्मक बन जाता हैं और यह आपको हेल्दी बनाकर प्राणधार उर्जा को भी बैलेंस में रखता हैं।
(5) एकाग्रता में वृद्धि-
हाथ से भोजन करने पर आपका सारा ध्यान भोजन पर ही रखना पड़ता हैं। क्योंकि जब आप हाथ से खाना खाते हैं तो आपको देखना पड़ता हैं की खाना मूंह में जा रहा हैं या नहीं। इस तरह आपको खाने में एकाग्रता दिखानी पड़ती हैं। इसे माइंडफुल ईटिंग कहा जाता हैं। यह मशीन की तरह चम्मच और कांटे से खाना खाने जैसा नहीं हैं। Mindful Eating के कई फायदे हैं, इसका सबसे बढ़िया फायदा यह हैं की इससे पोषक तत्व ज्यादा प्राप्त होते हैं। जिससे पाचन क्रिया सुधरती हैं और आप लम्बे समय तक स्वस्थ्य रहते हैं।
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