न्यूटन के गति सम्बंधी नियम
न्यूटन के गति संबंधी तीन नियमों में गति
के मूलभूत सिद्धांत निहित हैं।
प्रथम नियम- प्रत्येक वस्तु अपनी
विरामावस्था या समरूप गति में जब तक
बनी रहती है जब तक उस पर कोई कार्य न
करे।
उदाहरण-
चलती बस से नीचे उतरने पर आप को रुकने के
पूर्व बस की दिशा में कुछ दूर तक दौडऩा
पड़ता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो
आप आगे की ओर गिर सकते हैं, क्योंकि
सड़क के स्पर्श में आते ही आपके पैर स्थिर
होना चाहते हैं और शरीर का ऊपरी
भाग गति में बना रहना चाहता है।
द्वितीय नियम- इस नियम के अनुसार,
''किसी वस्तु के संवेग की परिवर्तन की
दर लगाए गए बल के समानुपाती होती है
और बल की दिशा में कार्य करती है।
"
F=ma
उदाहरण-
कराटे के खिलाड़ियों द्वारा एक झटके में बर्फ की सिल्लियो को तोडना।
जब खिलाडी सिल्ली पर जोर से मरता है तो वह अपने हाथ को ऊपर तक उठा के मरता है और उसके द्वारा लगाया गया बल उसके हाथ के द्रव्यमान और उसके वेग के गुणनफल के बराबर होता है।
अधिक गहराई में कील गाड़ने के लिए मोटे हथोड़े का प्रयोग करना।
फर्श पर गिरने पर गिलास का टूट जाना।
तृतीय नियम- इस नियम के अनुसार,
''प्रत्येक बल के लिए बराबर और विपरीत
प्रतिक्रिया होती है।"
उदाहरण-
यदि कोई व्यक्ति दीवार पर घूंसा मारे
तो दीवार पर लगा बल मु पर लगे बल के
बराबर और विपरीत होता है।
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