भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच में इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है कभी-कभी तो मात्र मुहावरे और लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है। इन के प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा ,प्रेम ,ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है।
मुहावरों और लोकोक्तियों के प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों में वृद्धि होती है।
1. वक्ता का आशिक कम से कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है
2. वक्ता अपने हृदयस्थ भाव को कम से कम शब्दों में प्रकट कर सकता है ।
3. भाषा सबल सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है ।
4. भाषा की व्यंजना शक्ति का विकास होता है
मुहावरे एवं लोकोक्तियां का अर्थ
मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है अभ्यास'
हिंदी में यह शब्द रूढ़ हो गया है जिसका अर्थ है- ' लक्षणा या व्यंजना द्वारा सिद्ध वाक्य' जो किसी एक की ही बोली या लिखी जाने वाली भाषा में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो।
लोकोक्तियां यह दो शब्दों से मिलकर बना है लोके + उक्ति
अर्थात किसी क्षेत्र विशेष में कही हुई बात।
इसके अंतर्गत किसी कवि की प्रसिद्ध उक्ति भी आ सकती है लोकोक्ति किसी भी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है समाज के प्रबुद्ध इतिहासकारों साहित्यकारों कवियों के द्वारा जब किसी प्रकार के लोग अनुभव को एक ही वाक्य में व्यक्त कर दिया जाता है तो उनको प्रयुक्त करना सुगम हो जाता है यह वाक्य अथवा लोकोक्तियां गद्य एवं पद्य दोनों में ही देखने को मिलती हैं इस प्रकार ऐसा वाक्य कथन अथवा उक्ति जो अपने विशिष्ट अर्थ के आधार पर संक्षेप में ही किसी सच्चाई को प्रकट कर सके लोगों की अथवा कहावत कही जाती है।
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर -मुहावरा देखने में छोटा होता है अर्थात या पूरे वाक्य का एक अंग मात्र होता है साथ ही इसके लाक्षणिक अर्थ की प्रधानता होती है जैसे - लाठी खाना इस वाक्य में खाना का लक्ष्यकि प्रहार सहने से है।
लाठी खाने की चीज नहीं है।
परंतु लोकोक्ति में जिस अर्थ प्रकट किया जाता है वह लगभग पूर्ण होता है इसमें अधूरापन नहीं होता जैसे- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे इस उदाहरण में अर्थ का अधूरापन नहीं है ना ही वाक्य ही अधूरा है।
मुहावरों और लोकोक्तियों के प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों में वृद्धि होती है।
1. वक्ता का आशिक कम से कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है
2. वक्ता अपने हृदयस्थ भाव को कम से कम शब्दों में प्रकट कर सकता है ।
3. भाषा सबल सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है ।
4. भाषा की व्यंजना शक्ति का विकास होता है
मुहावरे एवं लोकोक्तियां का अर्थ
मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है अभ्यास'
हिंदी में यह शब्द रूढ़ हो गया है जिसका अर्थ है- ' लक्षणा या व्यंजना द्वारा सिद्ध वाक्य' जो किसी एक की ही बोली या लिखी जाने वाली भाषा में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो।
लोकोक्तियां यह दो शब्दों से मिलकर बना है लोके + उक्ति
अर्थात किसी क्षेत्र विशेष में कही हुई बात।
इसके अंतर्गत किसी कवि की प्रसिद्ध उक्ति भी आ सकती है लोकोक्ति किसी भी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है समाज के प्रबुद्ध इतिहासकारों साहित्यकारों कवियों के द्वारा जब किसी प्रकार के लोग अनुभव को एक ही वाक्य में व्यक्त कर दिया जाता है तो उनको प्रयुक्त करना सुगम हो जाता है यह वाक्य अथवा लोकोक्तियां गद्य एवं पद्य दोनों में ही देखने को मिलती हैं इस प्रकार ऐसा वाक्य कथन अथवा उक्ति जो अपने विशिष्ट अर्थ के आधार पर संक्षेप में ही किसी सच्चाई को प्रकट कर सके लोगों की अथवा कहावत कही जाती है।
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर -मुहावरा देखने में छोटा होता है अर्थात या पूरे वाक्य का एक अंग मात्र होता है साथ ही इसके लाक्षणिक अर्थ की प्रधानता होती है जैसे - लाठी खाना इस वाक्य में खाना का लक्ष्यकि प्रहार सहने से है।
लाठी खाने की चीज नहीं है।
परंतु लोकोक्ति में जिस अर्थ प्रकट किया जाता है वह लगभग पूर्ण होता है इसमें अधूरापन नहीं होता जैसे- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे इस उदाहरण में अर्थ का अधूरापन नहीं है ना ही वाक्य ही अधूरा है।
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