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Saturday, February 3, 2018

ब्लड ग्रुप का निर्धारण

ब्लड ग्रुप मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं।
A , B , AB, O,

जिनका पता उसमें मौजूद एंटीजेन्स और एंटीबॉडीज़ से चलता है. एंटीजेन्स प्रोटीन अणु होते हैं, जो लाल रक्त कोशिकाओं यानी रेड ब्लड सेल्स की सतह पर मौजूद रहते हैं, जबकि एंटीबॉडीज़ प्रोटीन प्लाज़्मा में मौजूद होते हैं, जो बाहरी जीवाणुओं का हमला होने पर उनसे लड़ने के लिए रोग प्रतिरक्षक प्रणाली को चेतावनी देते हैं. एंटीजेन्स दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें ए व बी नाम दिया गया है। ब्लड ग्रुप का निर्धारण में एंटीजन ही सहायक होते हैं।


चित्र -1

ब्लड ग्रुप A - जिस ब्लड की लाल रक्त कणिकाओं पर A प्रकार के एंटीजन होते हैं उसे A ब्लड ग्रुप कहा जाता है।


ब्लड ग्रुप B - इसमे B प्रकार के एंटीजन पाए जाते हैं।


ब्लड ग्रुप AB - इसमे A और B दोनो प्रकार के एंटीजन पाए जाते हैं।

ब्लड ग्रुप O - इस प्रकार के ब्लड में कोई एंटीजन नही पाए जाते ।

इसे एबीओ सिस्टम भी कहा जाता है।


ब्लड ग्रुप को RS फैक्टर की उपस्थिति के अनुसार + और - ( पोस्टिव और निगेटिव ) दो भागों में बांटा गया है ।
रक्त आधान अथवा ब्लड डोनेशन में इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।

लाल रक्त कोशिकाओं पर अगर आरएच एंटीजेन्स हैं, तो वह व्यक्ति आरएच पॉज़िटिव होता है और जिनमें एंटीजेन नहीं होता वह आरएच निगेटिव होता है

चित्र - 1.1

हम जानते हैं कि जिस ब्लड पर A एंटीजन होगा वह A प्रकार का ब्लड ग्रुप होगा । किन्तु अगर उस पर RH भी होगा तो वह A+ और अगर RH नही होगा तो A- होगा ।

ब्लड ग्रुप की जानकारी के लिए सबसे पहले देखते हैं कि उस पर किस प्रकार का एंटीजन है A प्रकार का होगा तो A ग्रुप ।

B प्रकार का एंटीजन होगा तो B ब्लड ग्रुप ।

दोनो प्रकार का होगा तो AB ग्रुप ।

यदि कोई एंटीजन नही होगा तो O ब्लड ग्रुप होगा।


ब्लड ग्रुप की जानकारी के बाद वह पोस्टिव है या निगेटिव इसकी जानकारी के लिए Rh फैक्टर देखते हैं अगर rh फैक्टर है तो पोस्टिव Rh की अनुपस्थिति में निगेटिव होगा।
चित्र - 1.1 देखे

एंटीजन और Rh फैक्टर का एक साथ चित्र



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