सोशल मीडिया पर जहां जोक्स का सिलसिला जारी है कि वही बाबा जेल जा रहे है जिनके नाम में राम लगा है।
तो वही कुछ लोग बाबा रामदेव का नम्बर भी बता रहे है इसी बीच एक अंग्रेजी पत्रकार की बुक " गाडमैंन टू टाईकून " ने बाबा पर कुछ आरोपों ने सनसनी मचा दी थी।
प्रियंका नारायण द्वारा योग गुरु बाबा रामदेव के जीवन पर लिखी गई किताब 'गॉडमैन टू टाइकून' की बिक्री एवं प्रकाशन पर दिल्ली की जिला अदालत कड़कड़डूमा ने रोक लगा दी है। आरोप है कि इस किताब में बाबा रामदेव के जीवन को गलत तरीके से पेश किया गया है।
प्रियंका कहती हैं कि इस किताब के लिए सबूत जुटाते वक़्त उन्हें ऐसा महसूस हुआ किया कि हादसे बाबा का लगातार पीछा कर रहे थे. उनके फर्श से अर्श तक पहुँचने के सफर में हादसों का अहम किरदार है. न जाने क्यों जिस गुरु से बाबा रामदेव कुछ भी गुर सीखते वो ही गुरु उनकी अद्भुत जीवन यात्रा से गायब हो जाता है.
प्रियंका पाठक नारायण ने 40 लोगो का नाम लिया है जिन्होंने बाबा रामदेव की हर हद तक मदद की, आश्चर्य की बात ये है कि जो भी बाबा राम देव की मदद करता था वो रहस्यमयी ढंग से गायब हो जाता है ।
हम बात करते है बाबा की सबसे ज्यादा मदद करने वालों की -
1. गुरु शंकर देव - हरिद्वार में बाबा रामदेव को दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और उसकी अरबों रूपए की ज़मीने दान करने वाले रामदेव के गुरु , गुरु शंकर देव आचनक गायब हो गये। जिस वक़्त गुरु शंकर देव जुलाई 2007 में गायब हुए उस वक़्त रामदेव, ब्रिटैन की यात्रा पर थे.
लेखिका प्रियंका अपनी किताब में लिखती हैं कि इतने बड़े हादसे के बावजूद बाबा ने विदेश यात्रा बीच में नहीं रोकी. वो दो महीने बाद स्वदेश लौटे.
2. राजीव दीक्षित -
बाबा रामदेव को आयुर्वेद से लेकर स्वदेशी के नारे तक का रास्ता राजीव दीक्षित ने दिखाया था. दीक्षित 2010 में एक कार्यक्रम कर रहे थे. तभी बाथरूम में उनकी मौत हो गयी. बाबा रामदेव ने ब्यान दिया की उनकी मौत दिल के दौरे पड़ने से हुयी। और वह काफी दिनों से सुगर के मरीज थे ।
बाद में उनकी शरीर काली पड गयी घर वालो द्वारा पोस्टमोर्टम की मांग पर भी जांच न करा कर उनका डाह संस्कार कऱा दिया गया। इसमें कई बड़े राजनेताओ के होने की बात चली थी।
बाबा का वह बयान भी विवादित रहा क्योकि घर वालों ने एसी किसी भी बीमारी से इनकार किया।
राजीव दीक्षित जी स्वयं अपने कार्यकमो में होम्योपैथी द्वारा ऐसी बहुत सी बीमारियों के इलाज का न सिर्फ दावा करते थे बल्कि बहुतो का इलाज भी सफलता पुर्बक कर चुके थे।
ऐसे में उनके स्वम का इस प्रकार की बीमारी से ग्रसित होना बात हजम नही होती।
प्रियंका ने इस किताब में महाराज करमवीर का ज़िक्र भी किया है. करमवीर दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष थे. उन्होंने 2005 में इस ट्रस्ट के व्यवसायीकरण का विरोध किया और बाद में अलग हो गये।
इतना ही नही बाबा रामदेव के ऊपर अपने कर्मचरियो का शोषण करने का भी आरोप लग चुका है।
बाबा रामदेव कर्मचारियों को कम वेतन देते है जबकि गत वर्षो से पतंजली कम्पनी को काफी फायदा हुआ है
बाबा का मानना है वो सेवा कर रहे है और बिना वेतन के भी काम कर सकते है ।
आचार्य बाल कृष्ण के भी फर्जी प्रमाणपत्र की भी बाते सामने आई थी।
हाल ही में दुसरे कम्पनियों के माल पर अपना लेबल लगा कर माल बेचने की भी खबरे आम हुयी थी।
जहाँ तक बाबा रामदेव की बात है माना जा रहा है इनकी मजबूत राजनीतिक पहुच की वजह से इन पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
तो सवाल ये है कि क्या अब बाबा रामदेव भी जायेंगे जेल
No comments:
Post a Comment
आप इस विषय पर चर्चा ,सुझाव य किसी प्रकार के प्रश्न के लिए सादर आमंत्रित है।
यह पोस्ट अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे ।
यथा संभव आप प्रश्न हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में पूछे
धन्यवाद ।