घर्षण बल - सम्पर्क में रखी वस्तुओ के मध्य एक प्रकार का बल कार्य करता है जो वस्तु की गति का विरोध करता है इसे घर्षण बल कहते है।
घर्षण बल असंजन या ससंजन बल के कारण लगता है।
सभी वस्तुओ के लिए असंजन व् ससंजन बल का मान अलग अलग होता है
घर्षण बल पृष्टो के खुरदुरे पन पर निर्भर करती है। क्षेत्रफल का कोई प्रभाव नही पड़ता।
1. असंजन बल - दो असमान पदार्थो के मध्य लगने वाला आकर्षण बल।
2.ससंजन बल - समान पदार्थ के अणु के मध्य लगने वाला आकर्षण बल।
घर्षण बल के प्रकार- 3 प्रकार के होते है।
1. स्थैतिक घर्षण बल - किसी वस्तु को किसी सतह पर खिसकाने पर जो घर्षण बल गति का विरोध करता है उसे स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं।
2.सर्पी घर्षण बल- किसी सरकती वस्तु की सतह पर लगने वाला घर्षण बल
3. लोटिन घर्षण बल - किसी लुढ़कती हुयी वस्तु और सतह के बीच लगने वाला आकर्षण बल।
घर्षण बल की विशेषताएं -
1. दो सतहों के मध्य लगने वाला घर्षण बल उनके सम्पर्क पृष्ट के क्षेत्रफल पर निर्भर नही करता।
2.लोटिन घर्षण बल का मान सबसे कम और स्थैतिक घर्षण बल का मान सबसे अधिक होता है।
3. घर्षण बल को कम करने के लिए सतह पर स्नेहन लगा दिया जाता है।
4. घर्षण बल के कारण ही मनुष्य सीधा खड़ा हो पाता है और चल पाता है।
5. घर्षण बल के कारण मशीनों में टूट फुट अधिक होता है।
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